सामान्य योजना के अंतर्गत छात्र को म;प्र; राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की विषय सूची में से चयन कर ओपन स्कूल की 05 विषयों में परीक्षा देना होता है। हाईस्कूल परीक्षा हेतु प्रवेश के लिए कक्षा 8वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है तथा आयु बंधन नहीं है, जन्मतिथि का प्रमाण देना आवश्यक है। हायर सेकण्डरी परीक्षा में प्रवेश हेतु परीक्षार्थी का मान्यता प्राप्त मण्डल से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक है। कक्षा 10वीं उत्तीर्ण करने के पश्चात कक्षा 12वीं की परीक्षा हेतु दो वर्ष का अंतराल अत्यावश्यक है।
माध्यमिक शिक्षा मण्डल म.प्र./अन्य मान्यता प्राप्त मंडलों/अन्य राज्य ओपन स्कूलों/अन्य राज्यों के माध्यमिक शिक्षा मण्डलों तथा सी.बी.एस.ई; के कक्षा 10वीं तथा कक्षा 12वीं के अनुत्तीर्ण छात्र जो कम से कम एक विषय में उत्तीर्ण हों वे म.प्र.राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड में पूर्ण क्रेडिट योजना के अंतर्गत प्रवेश ले सकते हैंा पूर्ण क्रेडिट योजना में छात्रों को न्यूनतम एक एवं अधिकतम दो उत्तीर्ण विषयों के क्रेडिट (अंकों के स्थानान्तरण) की सुविधा होगीा क्रेडिट सिर्फ उन्हीं विषयों का दिया जा सकेगा जो म.प्र.राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम में सम्मिलित विषय हों अर्थात जो इस कार्यालय की विषय सूची में से ही विषय हों। म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड में अन्य मण्डल आदि के पृथक-पृथक विषयों के (अनुपातिक) अंक तभी मान्य होंगे जब पूर्व मण्डल की अंकसूची में सभी विषय हों, जो राज्य ओपन स्कूल की विषय सूची में हैा ऐसा ना होने पर उस विषय का क्रेडिट मान्य नहीं होगाा जिन छात्रों के द्वारा क्रेडिट योजना में प्रवेश लिया जाता है और उनकी अंकसूची में ग्रेड दिया गया है ऐसे छात्रों को अपने मंडलों से ग्रेड वाले विषयों के अंक लाना होगा। यह जानकारी प्रवेश आवेदन फार्म के साथ संलग्न करने पर ही प्रवेश मान्य होगा। इस योजना के अंतर्गत छात्रों को अपने पूर्व मण्डल से अनुत्तीर्ण परीक्षा की मूल अंकसूची प्रवेश फार्म के साथ संलग्न करना अनिवार्य होगाा प्रवेश फार्म में क्रेडिट के जिन विषयों के अंकों का स्थानान्तरण चाहा जा रहा है उन विषयों की एवं चयनित विषयों की पृथक-पृथक जानकारी अंकित करना अनिवार्य होगाा मूल अंकसूची के विषय छोड़कर अन्य विषय आवेदक ले सकता है।
उपरोक्त दोनों योजनाओं के अंतर्गत प्रवेश लेने वाले छात्र/छत्राएं एक अतिरिक्त विषय का चयन कर सकते हैं। इस हेतु शुल्क तालिका अनुसार एक विषय का अतिरिक्त शुल्क जमा करना होगाा इस अतिरिक्त विषय के अंक मतायोग में नहीं जोडे जावेंगे।
इस योजना के अंतर्गत हाईस्कूल/हायर सेकण्डरी पूर्व के उत्तीर्ण छात्र अपने ज्ञानवर्धन हेतु कोई अन्य विषय/विषयों (अधिकतम चार) में परीक्षा देकर म.प्र.राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड की परीक्षा पास कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत परीक्षा देने वाले छात्रों की अंकसूची में केवल उन विषयों के ही प्राप्तांक दर्शाए जायेंगे जिसमें उनहोंने परीक्षा दी है। प्राप्तांकों का योग नहीं होगा। इन छात्रों को माइग्रेशन एवं बोर्ड प्रमाणपत्र जारी नहीं हो सकेगा।
जो छात्र म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा संचालित कक्षा 10वीं या 12वीं 9 (नौ) बार परीक्षा देने के बाद भी उत्तीर्ण नहीं होते हैं। अर्थात यदि छात्र 9 (नौ) बार परीक्षा देने के बाद भी अनुत्तीर्ण रहता है एवं बिना पुन: प्रवेश लिए 10वीं वार परीक्षा में सम्मिलित होता है तो उसकी परीक्षा निरस्त मानी जावेगी। उसे पुन: उसी कक्षा की परीक्षा देने हेतु पुन: प्रवेश लेना होता है एवं निर्धारित शुल्क जमा करनी होती है परन्तु ऐसी स्थिति में छात्र केवल उन्हीं विषयों में परीक्षा दे सकता है जिनमें वह 9 (नौ) वार परीक्षा देने के बाद भी अनुत्तीर्ण रहा है। इन छात्रों को प्रवेश फाम्र के साथ अपनी मूल अंकसूची अवश्यक जमा करनी होगी।
म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड के छात्र जो कक्षा 10वीं या 12वीं कक्षा उत्तीर्ण के बाद पुन: श्रेणी सुधार हेतु परीक्षा में बैठना चाहते हैं तो, इन छात्रों के श्रेणी में सुधार होने पर नई अंकसूची एवं सुधर न होने पर पुरानी अंकसूची प्रदान की जायेगी। श्रेणी सुधार हेतुऑनलाइन पंजीयन फार्म भरकर विषयवार निर्धारित परीक्षा पंजीयन शुल्क देना होगा। जिन विषयों के अंतर्गत प्रायोगिक परीक्षा शामिल है उनमें अंकसुधार हेतु सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक दोनों ही परीक्षाऍं देनी होंगी। इस योजना में अन्य मण्डलों से उत्तीर्ण छात्रों को श्रेणी सुधार की पात्रता नहीं है। इस योजना के अंतर्गत छात्रों को 10वीं अथवा 12वीं कक्षा उत्तीर्ण होने के बाद उससे निकटतम अगली परीक्षा में सम्मिलित होने की ही पात्रता होगीा ये छात्र एक विषय अथवा अधिक विषयों में परीक्षा देकर अपने अंकों में श्रेणी सुधार कर सकेंगे।
म.प्र. राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा वर्तमान में हायर सेकण्डरी पाठ्यक्रम में चार व्यावसायिक विषयों यथा आशुलिपि (हिन्दी), खाद्य संसाधन, कटिंग टेलरिंग एण्ड ड्रेस मटेरियल तथा कम्प्यूटर हार्डवेयर असेम्बली एण्ड मेंटनेंस की शिक्षा दिये जाने का प्रावधान है। यह सुविधा ओपन स्कूल के कुछ चुने हुए अध्ययन केन्द्रों पर ही उपलब्ध हैं। जिन केन्द्रों पर इन चार व्यावसायिक विषयों के अध्ययन की व्यवस्था कराई गई है उन्हें इस विवरणिका के केन्द्र सूची में तारांकित किया गया है। एक तारांकित केन्द्रों पर आशुलिपि (हिन्दी), दो तारांकित केन्द्रों पर खाद्य संसाधन, तीन तारांकित केन्द्रों पर आशुलिपि (हिन्दी) व खाद्य संसाधन की व्यवस्था है, चार तारांकित केन्द्रों पर आशुलिपि, कटिंग टेलरिंग एण्ड ड्रेस मटेरियल एवं कम्प्यूटर हार्डवेयर असेम्बली एण्ड मेंटनेंस विषय उपलब्ध हैं। पॉंच तारांकित केन्द्रों में चारों व्यावसायिक विषय की शिक्षा देने की व्यव्स्था उपलब्ध है। छात्र यदि चाहे तो इन 4 व्यावसायिक विषयों में से कोई एक विषय, अन्य शैक्षणिक विषयों के साथ चुन सकता हैं। यह ध्यान रखा जावे कि छात्र अपने शैक्षणिक विषयों के साथ केवल एक ही व्यावसायिक विषय ले सकता हैा चारों विषय सैद्धांतिक व प्रायोगिक दो-दो भागों में हैं।
इस योजना हेतु 10वीं के साथ दो वर्षीय आई.टी.आई. पाठ्यक्रम परीक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थी के लिए कोई एक भाषा तथा उद्यमिमता एवं रोजगार कौशल (इन्टरप्रोनरसिप) विषय और एक वर्षीय आई.टी.आई. उत्तीर्ण विद्यार्थी के लिए एक भाषा एवं एक विषय ओपन स्कूल की कक्षा 12वीं विषय सूची से तथा उद्यमिता एवं रोजगार कौशल (इन्टरप्रोनरसिप) के प्रश्नपत्र परीक्षा उत्तीर्ण करना होगा। आई.टी.आई. के मूल तीन विषयों की नार्मलाइज्ड क्रेडिट प्रदान की जावेगी।